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Wednesday, July 6, 2016

एक सेब गिरने से न्यूटन ने विज्ञान को हिलाकर रख दिया Newton Success Story

            

            नमश्कार दोस्तों मैं हूँ Shubham आप सभी का स्वागत करता हु इस Blog पर। जब हम बचपन में विज्ञान पढ़ना शुरू करते हैं तो सबसे पहले जिस वैज्ञानिक का नाम आता है, वो हैं Newton। यूँ तो दुनियां में बहुत से लोग जन्म लेते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो हमेशा हमेशा के लिए अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिख जाते हैं
              जब तक इस धरती पे विज्ञान रहेगा तब तक  आइज़क न्यूटन ( Isaac Newton) का नाम लिया जाता रहेगा। मैं खुद हमेशा से उनके जैसा बनना चाहता हूँ, मेरी ये दिली इच्छा है कि न्यूटन जैसा वैज्ञानिक बनूँ। मैं ही नहीं, मेरे जैसे और भी बहुत लोग होंगे जो उसने जैसा बनना चाहते होंगे। आइये न्यूटन  के बारे में आज कुछ जानने की कोशिश करते हैं। 



          
          हमारा विज्ञान जहाँ से शुरू होता है, उसका आधार हैं “सर आइज़क न्यूटन” और हम सब के लिए एक प्रेरणा के स्रोत हैं। न्यूटन का जन्म 25 December 1642 को Christmas वाले पवित्र दिन को वुल्सथार्प, लंकशायर(इंग्लैंड) में हुआ था। इनके जन्म से ठीक 3 महीने पहले इनके पिता का देहांत हो गया था। बचपन में ही पिता का साया सर से उठ जाने से इनको बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ा। जब ये 3 साल के हुए तो इनकी माँ ने फिर से नयी शादी कर ली, इनके पालन पोषण के लिए इनको दादी माँ के पास छोड़ गयी और खुद नए पति के साथ रहने चली गयी। न्यूटन को अपने सौतेले पिता बिलकुल अच्छे नहीं लगते थे। जब न्यूटन छोटे थे तो बहुत दिन तक ठीक सेबोल नहीं पाते थे।जब ये 17 साल के हुए तो The King’s School, Grantham में इन्हें पढ़ने के लिए प्रवेश दिलाया। लेकिन इनका मन वहां पढाई में नहीं लगता था, क्यूंकि वहां गणित नहीं पढ़ाया जाता था। न्यूटन का मन शुरुआत से ही गणित विषय में बहुत लगता था। वे बचपन से ही आकाशीय पिंडों और ग्रहों की ओर आकर्षित रहते थे,और सूरज की किरणों को देखकर उन्हें आश्चर्य होता था।अक्टूबर 1659 को न्यूटन को स्कूल से निकाल दिया गया। इधर इनकी माँ के दूसरे पति का भी देहांत हो चुका था। इसी कारण माँ ने इन्हें खेती बाड़ी सँभालने को कहा। लेकिन न्यूटन का मन खेती बाङी में नहीं लगता था। हेनरी स्टोक्स जो कि The King’s School के प्रिंसिपल थे उन्होंने न्यूटन की माँ से न्यूटन को फिर से स्कूल में दाखिला दिलाने को कहा जिससे वो आगे की पढाई कर सकें। इस बार न्यूटन ने हताश नहीं किया और बहुत जल्दी वो स्कूल के टॉपर विद्द्यार्थी बने।जून 1661 में, अपने एक अंकल के कहने पर इन्होनें Trinity College Cambridge में प्रवेश लिया। जहाँ ये अपनी पढाई की फीस भरने और खाना खाने के लिए विद्ध्यालय में एक कमर्चारी की तरह काम भी करते थे। 




              1664 में इन्हें एक स्कॉलरशिप की वयवस्था कॉलेज की तरफ से ही की गयी, जिसकी मदद से न्यूटन अब M. A. तक की पढाई कर सकते थे। उस समय विज्ञान बहुत आगे नहीं था उन दिनों किताबों में अरस्तू, गैलिलिओ(जिन्होंने दूरबीन को बनाया था) आदि के सिद्धांतों केबारे पढ़ाया जाता था। यहीं रहकर न्यूटन ने प्रसिद्ध “केप्लर के नियम” पढ़े।उपलब्धियां –1665 में न्यूटन ने  binomial theorem (द्विपद प्रमेय) का अविष्कार किया जिसे बाद में कैलकुलस (गणित का एक हिस्सा) के नाम से जाना गया जो आज भी स्कूल और कालेजों में लोगों को पढ़ाया जाता है। इसके आलावा पाई (pi)  का माननिकालने के लिए भी न्यूटन ने नया फार्मूला दिया।एक घटना जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है इस घटना के बारे में हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं, ये एक ऐसी घटना है जिसने ना सिर्फ न्यूटन की जिंदगी को बदला बल्कि विज्ञान को एक नया आयाम दिया। न्यूटन का मनशुरुआत से ही ग्रह, उपग्रह इन सबमें बहुत लगता था। उन दिनों भी न्यूटन चन्द्रमा और धरती के बारे में रिसर्च कर रहे थे कि कैसे चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता हैऔर कैसे पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है। 1666 में प्लेग नामक बीमारी फैलने की वजह से बहुत सारे कॉलेज और यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया। इसी वजह से न्यूटनएक बगीचे में एक सेब के पेड़ के नीचे बैठे हुए थे, और मन ही मन वो धरती और चन्द्रमा के बारे में सोच रहे थे लेकिन उनके दिमाग में कोई सटीक आईडिया नहीं आ रहा था। अचानक एक सेब पेड़ से गिरा जो सीधा न्यूटन के सर पर जाकर लगा, सेब को देखकर न्यूटन के दिमाग ने बिजली से भी तेज काम किया। उन्होंने सोचा कि ये सेब नीचे ही क्यों आया? जब ये पेड़ से गिरा तो ऊपर की ओर भी जा सकता था। इसी बात ने उनकी सोच को और गहन कर दिया। और इस सोच ने जन्म दिया एक नए विज्ञान को, एक नयी दुनिया को।बहुत सालों तक इसपे रिसर्च करने के बाद न्यूटन ने बताया कि पृथ्वी में गुरुत्वाकर्षण बल (Gravity) नाम की एक शक्ति है। जो हर चीज़ को अपनी ओर खींचती है और इसी बल के कारण चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है और पृथ्वी सूर्य का। न्यूटन ने बताया कि ये बल दूरी बढ़ने के साथ साथ घटता जाता है। 




                  गुरुत्वाकर्षण बल को पृथ्वी के केंद्र में माना जाता है, इसीलिए पृथ्वी हर चीज़ को सीधा अपनी ओर खींचती है। पृथ्वी किसी वस्तु को कितनी शक्ति से खींचेगी इसका मान उस वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है।इसके आलावा न्यूटन ने “भार” और “द्रव्यमान” में अंतर को भी समझाया। साथ ही साथ प्रकाश के क्षेत्र में काम करते हुए न्यूटन ने बताया कि सफ़ेद प्रकाश दरअसल कई रंगों के प्रकाश का मिश्रण होता है।इसके आलावा न्यूटन के गति के 3 नियम भौतिक विज्ञान में बहुत ही ज्यादा प्रयोग किये जाते हैं। एक साईकिल से लेकर हवाई जहाज बनाने तक में इन नियमों का पालन होताहै।ये माना जाता है कि न्यूटन ने आजीवन विवाह नहीं किया था। 20 मार्च 1727 कोलन्दन शहर में न्यूटन की सोते समय मृत्यु हो गयी थी।सन 2005 में हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वे ने न्यूटन को सर्वाधिक लोकप्रिय वैज्ञानिक ठहराया है। सर आइज़क न्यूटन ने इस दुनिया को जो योगदान दिया है उसके लिए हम हमेशा उनके आभारी रहेंगे। हमें उनसे सीख लेनी चाहिए, कितनी विषम परिस्थितियों में रहकर उन्होंने पढाई पूरी की और दुनिया को एक नयी दिशा दी। एक सेब गिरने से न्यूटन ने विज्ञान को हिलाकर रख दिया लेकिन आज इंसान रोज गिरता है लेकिन फिर भी कुछ नहीं सीखता। 
                 मेरे और मेरी Team की ओर से न्यूटन जी के योगदान को शत शत नमन। 

और आखिर में Do Subscribe And Share धन्यवाद

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