एक दिन चिंता का उपवास रखे। उस दिन आपको किसी भी विषय पर कोई चिंता नहीं करनी है। इस करके आप हर तनाव से बहार तकनीक सीखेंगे।
जब आप निराश में घिरे हो तब विचार सूत्रों को समझकर खुश और शांत रहे। मौन नियम (ध्यान) के अभ्यास से आप Source तक पहुंचकर कर ख़ुशी प्राप्त कर सकते है। इसी तरह जीवन से जुडी अपनी Negative भावनाओं, घृणा और डर को काबू करे। जब भी आपको जीवन में बावजूद कामियाबी मिलती न दिखाई दे तब खुद को बताएं, "मुझे सफलता नहीं मिल पा रही है, यह केवल एक दिखावटी सत्य है, सत्य नहीं।"
आपको खुद में जो भी गुण चाहिए उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद दे। और यकीन रखे वह आपको प्राप्त होने ही वाला है। इस गुण को अपने अंदर महसूस करके आप खुद को कदम दर कदम अपनी मंजिल के करीब आता हुआ पाएंगे।
यहाँ पर इस बात की समझ रखनी भी जरुरी हो जाती है की मंजिले उन्ही की बुलंद होती है, जिनकी नींव गहरी और मजबूत होती है। इसलिए हर जवान (जाग्रत) के लिए यह आवश्यक है की वह अपनी नींव - ९० (चरित्र) को भी खूब मजबूत करे ताकि जब मौका मिले वह अपने व्यक्तित्व को एक बुलंद और शानदार इमारत में तबदील कर सके..... जाग्रत जवान तो जीना आसान !
और आखिर में Subscribe करना ना भूले धन्यवाद !
No comments:
Post a Comment