जब भी किसी के प्रति मन में नफरत या शिकायत जगे अथवा आपसे कोई गलती हो जाए तब उस कर्मबन्धन को जल्द से जल्द क्षमा प्रार्थना द्वारा मिटा डाले। कम से कम रात को सोने से पहले नियम बना ले। पुरे दिन की घटनाओ को सामने लाएँ। जिसके प्रति भी द्वेष, गुस्सा उत्पन्न हुआ, उनसे दिल बड़ा कर क्षमा मांगे और उनके लिए मंगल प्रार्थना करे। कोई भी कर्मबन्धन अगले दिन के लिए न छोडे ताकि सुबह उठकर कोई पुराना विचार आपको फिर से तंग न करे। जैसे कोई गृहिणी रात को रसोई के सब काम निपटाकर रसोई अगले दिन के लिए साफ़ करके छोड़ती है ताकि जब वह सुबह वापस रसोई में आए तो कोई पुराणी गन्दगी, कचरा उसे दिखाई न दे, उसका Time और Mood बर्बाद न करे। इसी तरह आपको भी अपने मन की सफाई करके ही सोना है।
रात को सभी से क्षमा मांगकर दिल को बड़ा करे और सुबह उठकर इस बड़े दिल को छुट्टा करे। अर्थात मानो, आपके पास सौ का नोट है और आपने उसे एक-एक रुपये में छुट्टा कर सबको बाँट दिया, 'तुम भी लो, तुम भी लो............... ।' इसी तरह सबके प्रति नफ़रत मिटाकर दिल में प्रेम भरे और फिर उसे सबमे बाटे। इसे निरंतरता से रोज करे, नियम में बांध ले तो आपको जल्द ही इसके परिणाम भी दिखाई देने लगेंगे। आप आश्चर्य करेंगे, 'अरे! जो लोग मुझसे सीधे मुह बात नहीं कर रहे थे, उनका व्यवहार नम्र हो रहा है, रिश्ते सुधर रहे है, समस्याएं स्वतः समाप्त हो रही है, जीवन में सब कुछ सहजता से आ रहा है, शान्ति जो मिल रही है, वह अलग है । ' यह सब कुछ अदृश्य में होना शुरू होता है इसीलिए लोगो को विश्वास नहीं होता और वे शुरुवात नहीं करते। मगर जिन्हें विश्वास है वे कर रहे है और अपने जीवन में चमत्कार देख भी रहे है.........आप भी देखे।
और आखिर में Subscribe किजिए धन्यवाद।
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