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Sunday, August 21, 2016

दिव्य योजना की समझ Planing & Understanding


           इंसान सोचता है- मेरे विचार इतने शक्तिशाली है तो मै जो चाहु पा सकता हु।  परंतु जब कई बार ऐसा नहीं होता तब उसके मन मेँ प्रश्न उठता है की यह क्यों नहीं हुआ ? इसका मूल कारण है इंसान जो मांग रहा होता है, वह दूसरे की दिव्य योजना के खिलाफ होता है।
           आपने एक अनार सौ बिमारीवाली कहवत तो सुनी होगी। सौ लोग बीमार है , सभी को अनार चाहिए तो आप सोच सकते है कि चलो, अनार के दाने निकालकर सभी रोगियो को दे देते है ताकि सबका इलाज हो जाएं। ऐसा होना आसान है क्योकि अनार की अपनी कोई इच्छा नहीं थी। इसलिए एक अनार से सौ बीमार ठीक हो गए। मगर मान लें एक लड़की से मोहल्ले के चार लड़के शादी करना चाहते है तो सवाल उठता है की चारो में से किसकी इच्छा पूरी होगी? यह केवल उन चार लड़को के विचारों पर निर्भर नहीं करता बल्कि उस लड़की के विचारो पर निर्भर करता है। इसलिए यह जानना मत्वपूर्ण है की उस लड़की की चाहत क्या है? उसकी दिव्य योजना के अनुसार कौन सा इंसान उसके लिए सही है? इसी आधार पर सभी को अपना-अपना परिणाम मिलेगा।
            ये बाते समझे बिना ही अक्सर लोग शिकायत करते करते है कि विचारो पर कार्य करने के बावजूद भी हमारी प्रार्थना क्यों पूरी नहीं हुई ? जबकि इन सब बातो के पीछे महत्वपूर्ण समझ यह रखे की
' मेरे विचारो या प्रार्थनाओं से दूसरे की दिव्य योजना में बाधा न पड़े। मेरी प्रार्थना दूसरे की दिव्य योजना के विरोध में न हो । क्योकि दूसरा इंसान भी जीवित इंसान है और उसकी अपनी चाहत है।



और अखिर में Subscribe जरूर किजिए मैं और भी ऐसी कामभरी बाते आपसे Share करता रहूँगा धन्यवाद।

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