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Friday, November 25, 2016

जीवन और स्वास्थ्य


          नमस्कार दोस्तों मैं हूँ Shubham आप सभी का स्वागत करता हूँ Blog पर और हमेशा की तरह एक नए Article के साथ आपके लिए हाजिर हूँ आज का ये Article लिखने से पहले मैने सरश्री की कई Books पढ़ी तब जाके कुछ बाते समझी और जैसा मुझे लगा वैसा लिखा आशा है आपको भी समझे और पसंद आए।
          विचार नियम आपके जीवन में हमेशा काम करता है, निरंतर काम करता है और बिना रुके, दिन में 24 घंटे आपके हित में या आपके खिलाफ भी काम करता रहता है।



         जो विचार आपके मन में उठता है, उसे आपकी भवना से बल मिलता है और उसका असर आपकी वाणी पर दिखाई देता है। सुबह से लेकर रात तक आपकी वाणी जो कह रही है, उससे पता चलता है की आपने आनेवाले समय में क्या निर्माण किया है। समझदार इंसान सामनेवाले की वाणी सुनकर ही बता सकता है कि उसके जीवन में क्या क्या होनेवाला है....... वह खुशियो की ऊँचाई की तरफ जा रहा है या दुःखों की खाई की तरफ।




         विचार नियम रचनात्मक सिद्धांत है, जो कहता है कि हर विचार जो होश, जोश और यकीन के साथ दोहराया जाता है, वह हकीकत में बदलता है। जब हम अनंत बलशाली शक्ति यानी ईश्वरीय विचारो को अपने मन से गुजरने देते है तो यह नियम हमारे लिए काम करना शुरू कर देता है तो यह नियम हमारे लिए काम करना शुरू कर देता है। वह सब जो हमारे लिए ईश्वर ने बनाया है, हमारी जिंदगी में आना शुरू हो जाता है । जैसे कि पूर्ण स्वास्थ्य, सही व्यवसाय, सही मकसद, प्रेम, कला, गुण, सफलता, ज्ञान, विकास सब  कुछ पूर्ण होना शुरू होता है। इससे इंसान सच्चे आनंद की स्थिति प्राप्त करता है और उसी इंसान से दुसरो का भला हो सकता है, जो आनंदित है।
         वैज्ञानिक अब यह सोच रहे है की भविष्य में Electronic के माध्यम से ज्यादा खोजे इस रचनात्मक सिद्धांत को समझने में की जाएँगी। डॉक्टरों का कहना है की इस सिद्धांत की जानकारी न होने से ही बहुत सारी बीमारियां होती है। इसका मतलब यह हुआ की आगे चलकर यह ज्ञान दवाइयो की कमी भी पूरी कर सकता है।



         इसलिए विश्वास रखे आप ईश्वर की सृष्टि में बिलकुल पूर्ण बनाये गए है। वरना कई लोग अपने गलत विश्वासो जैसे -' मैं गरीब, बीमार, अपूर्ण, असहाय, अधैर्यशील, चिंतित, दिशाहीन, असंतुष्ट, डरा हुआ, दुविधा में  हूँ' के कारण असफल रह गए।
          महान दार्शनिक इमरसन ने कहा है- 'वे जीत जाते है, जिन्हें यह विश्वास होता है की वे जित सकते है।' आशावादी विचारक वहीँ से अपनी जोरदार शुरुवात करते है, जहाँ दूसरे लोग हार मान जाते है।
          बीमारी की वजह मस्तिष्क में जीती है इसलिए हमें पहली विजय अपने मस्तिष्क पर हासिल करनी है और Negative वाद-विवाद में न पड़कर विचार नियम सूत्रो का सहारा लेना है।

                         और आख़ीर में Do Subscribe And Keep Sharing धन्यवाद।
         

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