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Monday, November 6, 2017

रतन टाटा की सोच और विचार


            नमश्कार दोस्तों मैं हूँ Shubham आप सभी का स्वागत करता हु इस Blog पर। मुझे ख़ुशी है आपके साथ ऐसे रुबबरु होने में। दोस्तों रतन टाटा एक ऐसा व्यक्तिमत्व है जो हर एक के दिल को छू जाता है। 26/11 Taj Hotel Mumbai  Attack में जो लोग मारे गए थे और जो Police Officers शहीद हुए थे उनके परिवार को जरुरत के हिसाबसे सँभालने का बहुत बड़ा कदम रतन टाटा ने उठाया है। उसी से मैं बहुत प्रभावित हुआ हु उनसे। इस विषय पर मैं आपसे फिर कभी चर्चा करना चाहूंगा अभी आगे बढ़ते है। 😄 और साथ ही उनके Articles वग़ैरा भी पढता हूँ तो मुझे काफी Inspiration मिलती है। वह बहुत जिद्दी है उनकी यही आदत झे पसंद है। क्योकि जिद्दी आदमी ही केवल आगे बढ़ता है। तो सोचा क्यों ना उनके विचार आप तक पहुँचाये जाए ताकि आप भी अपने Future में उनके Thoughts को Apply कर सके और आगे बढ़ सके। तो चलिए ज्यादा समय न लेते हुए मुद्दे पर आते है जो आज के Article का Topic है।


  • अगर आप तेजी से चलना चाहते है तो अकेले चलिए।  लेकिन आप दूर तक चलना चाहते है तो साथ मिलकर चलिए।

 

  • मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं रखता।  मैं निर्णय लेता हूँ और फिर उन्हें सही साबित करता हूँ।
  


  •  मैं लगातार लोगो से लोगो को प्रोत्साहित करने, जिसपर सवाल न उठा हो उस पर सवाल उठाने, नए विचार सामने लाने में शर्मिंदा ना होने, और चीजों को करने के लिए नयी प्रक्रियाओ को बताने के लिए कहता रहा हूँ।




  • आगे बढ़ने के लिए जिंदगी में उतार चढ़ाव होना बहुत जरुरी है क्योकि ECG में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है की हम ज़िंदा नहीं है। 



  • मैं उन लोगो की प्रशंसा करता हूँ जो बहुत सफल है। लेकिन अगर वो सफलता बहुत बेहरमी से हासिल की गयी है तो मैं उस व्यक्ति की प्रशंसा करता हूँ पर उसकी इज्जत नहीं कर सकता। 



  • यदि ये सार्वजनिक जांच की कसौटी पर खरा उतरता है तो इसे करो, अगर ये सार्वजनिक जांच की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है तो इसे मत करो।



  • ऐसी कई चीजे है, हो जो अगर मुझे दोबारा जीने के मौक़ा मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूंगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा की मैं क्या नहीं कर पाया। 


  •  उन पत्थरो को उठाइये जो लोग आप पर फेंकते है और उनका इस्तेमाल कर के एक स्मारक खड़ी कर दीजिये। 





  • मैं उनके बाद आया जिनके शूज बहुत बड़े थे। उनके शूज बहुत बड़े थे।  मिस्टर J.R.D TATA भारतीय बिज़नेस कम्युनिटी में लीजेंड थे। वो 50 सालो टाटा संगठन के शीर्ष पर बने रहे आपने लगभग ये सोचना शुरू कर दिया था की वो हमेशा के लिए रहेंगे।


  • मैंने हमारी कंपनी में ये बात भी रखी है, हमें बेबी स्टेप्स लेना छोड़ना होगा और ग्लोबली सोचना शुरू करना होगा ये सचमुच मददगार लग रहा है। 

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