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Thursday, November 16, 2017

Indian Education System Is Bad.....?


           नमश्कार दोस्तों मैं हु Shubham आप सभी का स्वागत करता हु इस Blog पर और हमेशा की तरह एक नई उमंग के साथ आपके लिए हाजिर हु। दोस्तों आज हम बात करेंगे उस Topic पर जो बहुत ही Important Topic है। वो है Education System. अपने भारत की Education System इतनी भी अच्छी नहीं है की उसे हम चार चाँद लगा सके। इसी बात को ध्यान में रखे हुए मैं आपको यह कहना चाहूंगा की कई भारत के नवयुवा है जिन्होंने अपनी पढाई Complete भी नहीं की और आज वे करोड़ पति बन रहे है। चलिए इसी बात को हम गंभीरता से जानने का प्रयास करेंगे। यह Article मुझे लगता है थोड़ा कठिन भाषा मैं लिखा गया है शायद आपको Confusion भी हो सकता है तो यही दरख्वास्त करूँगा आपसे की थोड़ा ध्यान से पढ़िए।


            भारत एक ऐसा देश है जिसने इंसानियत के खातिर बहुत बार अपना सन्मान गवाया भी है और कमाया भी है। जी दोस्तों मैं बात कर रहा हूँ उस दौर की जिस समय अंग्रेज हम पर राज कर रहे थे। शुक्रगुजार हूँ उन लोगो का जिन्होंने आझादी की लड़ाई में अपना बलिदान दिया। ख़ैर.....अपना विषय वो नहीं है लेकिन ये बताना बहुत जरुरी था। दोस्तों भारत की आझादी के बाद जो हमारे India की जो Education System बनाई गयी है उसका Importance एक जमाने में ठीक था और जरुरी था। लेकिन आज की बदलती दुनिया में उसका कोई Direct  Practically connection नहीं है अपने Real Life के साथ और आर्थिक परिस्थिति के साथ। वही दूसरी तरफ Education के नाम पर लोगो को लुटा जा रहा है कुछ लोगो ने School, Collages खोल रखे है। उसमें जो मन में आये वो Donation के नाम पर जो जी चाहे Fees लोगो से ले रहे है। तो फिर ऐसा Education लेकर क्या फायदा? और हाँ लेकिन क्या आपको लगता है की Education System अच्छी है? Parents भी इस बात से अनजान है, सिर्फ लोगो की Satisfaction के लिए अपने बच्चो को Exam में अच्छे Marks लेकर आने की डिमांड करते है। क्योकि Society में अपनी इज्जत बनी रहनी चाहिए। कुछ बच्चे लेकर भी आते है लेकिन मैं बात करु उन लोगो की जिन्होंने घरवालों की Pressure में आकर अच्छे Marks लाने की कोशिश की। लेकिन कुछ कारन की वजह से वह उस कोशिश में नाकाम रहे। पता नहीं क्यों ऐसे बच्चो को Society ऐसे देखती है की जैसे वे अपने माँ-बाप पर बोझ हो। कई बार मैं अपने आसपास के लोगो को Notice करता हूँ तो पता चलता है की अभीभी भारत के लोगो की सोच बहुत गिरी हुई है। क्योकि ऐसा जरुरी नहीं है की Education ही सबकुछ है। लोग पता नहीं अपने Life को सिर्फ Black & White ऐसे ही नजरियो से क्यों देखते है?  इसको थोड़ा आसान भाषा में समझाना चाहूंगा.......  यानी की जो सदियोसे चलता आया है या फिर पूरी दुनिया जैसी चलती है, जैसा सोचती है, जैसा बोलती है ठीक वैसा हमको भी सोचना चाहिए और बोलना चाहिए। लेकिन लोग दुनिया को Colorful नजरियो से क्यों नहीं देखते? क्या पता?  जैसे की अगर कोई बच्चा किसी Subject में या फिर किसी काम में Fail हुआ हो तो उसको डांटने के बजाय उसको Motivate करना, उसको एक सही Direction दिखाना, उसको मदत करना, वो जिंदगी मैं क्या करना चाहता है उससे जान लेना और हां सबसे Important बात उसका हौसला बढ़ाना, उसको साहस देना की तू भी ये कर सकता है ऐसा विश्वास दिलाना। उसको सही गलत की पहचान करवाना और उसको इस काबिल बनाना की अपने Life के बड़े से बड़े निर्णय वो खुद ले सके। अगर ये काम आप करते हो तो ये भी एक अच्छा इंसान होने का सबुत है ऐसा मैं मानता हूँ।


             India में Talent की कोई कमी नहीं है बस अपना System ही थोड़ा कम पड़ता जाता है अपने भारतीय नवयुवाओ को आगे बढ़ने देने में। एक Example के तौर पर मैं एक मेरे Life का एक Real Incidence मैं आपसे शेयर करना चाहूंगा। मेरा एक दोस्त है वो Engineering पढ़ रहा था जब उसका 2nd Year का Result लगा तब उसको 3rd Year में Admission लेने के लिए उसको A.T.K.T लग गयी लेकिन 1st Year का एक Subject Back रहने के कारन उसको Admission नहीं मिल पाया तब उसने Photocopy मंगवाई उस पेपर की जिसमे वो Fail था। (देखो Education System कितनी Careless है। आप भी जानकार हैरान रहेंगे) Photocopy University से आने में 6 महीने लगते है तब तक इंतज़ार करना पड़ता है। और समय तो किसी के लिए रुखता नहीं ये तो आपने सूना ही होगा बस उसी तरह मेरे दोस्त के लिए भी समय नहीं रुखा सबके Admission अगले साल में यानी 3rd Year में हो गये और ये बेचारा इंतज़ार करता रहा photocopy का। आखिर 6 महीनो बाद Photocopy आयी उसने अपने Collage के प्रोफेसर से अपना पेपर चेक करवाया और उसमे वह पास हो गया। अभी पहले Rule के हिसाबसे वह 3rd में Admission लेने का हकदार तो वह हो गया लेकिन University के दूसरे Rule के हिसाबसे उसको एक साल गवाना पड़ा क्योकि 6 महीने बीत चुके थे तक़रीबन 3rd Year का एक Semester हो चूका था तो ऐसे बिच में उसको Admission नहीं मिल सकता था। यानी University की गलती की वजह से उसका पूरा एक साल West हो गया।


             तो ये ऐसा अपना Education System है जो आगे बढ़ना नहीं बस बच्चो के हौसले तोडना सीखता है। जिस पर बितती है उसी को समझता है की ये Frod है बाकी कई लोगो को तो लेना-देना नहीं है इन सब बातो से। यह तो बस एक University का है India में तो बहुत सी Universities है जिसका Example मैं दे सकता हूँ। और "इस System से निकलकर आप अच्छे नौकर जरूर बन सकते हो लेकिन अच्छे इंसान और खुद के मर्जी के मालिक नहीं।"  दोस्तों आप सोच रहे होंगे की तुम इतनी बड़ी बड़ी बाते करते हो फिर तूम चेंज कर के दिखाओ ये System तो मैं आपको ये कहना चाहूंगा की सबसे पहले आपको समझना चाहिए की क्या सही है और क्या गलत उसके हिसाबसे अपने मर्जी से वो सब काम करने चाहिए जो आप करना चाहते है। और अगर आप पर किसी तरह का अन्याय हो रहा है तो वो कदापि सेहन ना करे। आने वाले कल में मैं भी इस System को तो नहीं बदल सकता लेकिन खुद ऐसा कुछ करना चाहूंगा की अपने भारत के नवजवानो को अच्छा Realistic और Practically Education मिले जो Real Life से Connected हो ऐसा कुछ करना चाहूंगा बस मुझे उस काबिल होने दो की मैं ये सब मैनेज कर सकू। तो यही पर मैं अपनी बात ख़तम करता हूँ और मेरी कलम को लिखने से और आपको पढ़ने से रोखता हूँ धन्यवाद।
                 अगर आपके साथ भी मेरी दोस्त की तरह कुछ ऐसा Incident हुआ हो तो आपक निचे Comment में जरूर बताये।
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