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Wednesday, April 12, 2017

भिखारी को भीख देना उचित है...?


          नमश्कार दोस्तों मैं हु Shubham आप सभी का तहे दिल से स्वागत करता हु इस Blog पे। दोस्तो हम हमेशा सुनते आये है कि भिखारियों को दान देना चाहिए हमेशा उनको कुछ न कुछ देते रहना चाहिए फिर भगवान् भी हमको बरकत देगा ऐसा-वेसा etc. लेकिन आप क्या सच में मानते है कि ऐसा सच में होता है?? चलिये मैं आपका तो नहीं बोलत सकता लेकिन मैं अपना Experience बताता हूँ। जो मैंने मेरे दोस्तों के साथ Observer किया और उसी Experiance ने मुझे ये Article लिखने की प्रेरणा दियी। चलिये ज्यादा समय न लेते हुए मुद्दे पर आते है।


             दोस्तों कुछ दिन पहले मैं अपने दोस्तों के साथ खड़ा था। वैसे हम हर रोज 2-3 दिन में मिलते ही रहते है एक जगह है हमारे शहर में वहाँ जिसको हम कट्टा कहते है। तो वही कट्टे पर अचानक से एक भिखारी Couple आया जिसके साथ लगभग 3-4 साल के दो मासूम बच्चे थे। वह भिखारी वही हमारे कट्टे पर एक Side में ही उन्होंने छोटीसी जगह बना ली और वो रहने लग गए और हमारा कट्टा Road के Side में ही है, तो वहां से काफी लोगो का आनाजाना लगा रहता है। तो दोस्तों हम सब Friends उनको काफी दिन से Observe कर रहे थे। वह महिला उसके छोटे बच्चे को गोद में लेकर भिक मांग कर लाती थी और उसका पति भी भिक मांगता था और पैसे कमाता था। लेकिन दोस्तों गड़बड़ ऐसी हो जाती है न की हमको बहुत बार पता ही नहीं चलता। जब वो Couple भिक मांग कर लाते थे तब उनके पैसो की वजह से भर रास्ते पर झगडे चलते थे। वह महिला बोलती थी उसके पती को, की मुझे दे दो सब पैसा जो तुमने मांग कर लाया है, तो वो उसका पति बोलता था कि नहीं मुझे देदो जो तुमने मांग कर लाया है। ऐसा सिलसिला उनका चलता था। कभी-कभी वो आदमी उस महिला से पैसे जबरन ले कर भाग जाता था और उस पैसो की शराब पी कर तमाशा करता था। तो कभी वो महिला उस आदमी से पैसे लेकर भाग जाती थी और अन्य खर्चो में लगा देती थी। जिस दिन महिला भागती थी पैसे लेकर तब वह आदमी और उनके बच्चे भूखे रहते थे। ऐसा उल्टा सीधा तरीका उनका चलता था।



           तो दोस्तों मैं आपको यहाँ ये Clear कराने की कोशिश कर रहा हु। की हम इनको सीधे भाव से 1 या 2 रूपया जैसा अपने को ठीक लगे वैसा देते है। लेकिन इनको उस चीज की कद्र नहीं है। उल्टा वह बुरे कामो में पैसे गवा देते है। जैसे जुआ, शराब, नशे की और तरीको में वह सब गवा देते है। Ultimately हम पुण्य कमाने के बजाय उनके पाप में भागिदार बन जाते है। इसका मतलब ये नहीं की किसी को दान देना नहीं चाहिए...देना चाहिए मगर उस इंसान को जिसे उसकी कद्र हो जैसे 70-80 साल का बूढ़ा आदमी या बूढी औरत जो काम करने के काबिल नहीं उनको दो। लेकिन हम अक्सर ट्रैन में सफर करते समय ऐसे लोगो को देते है जो काम करने के काबिल जरूर है लेकिन Ultimatly उसको हम भीख दे कर नाकाबिल और अलसी बना रहे है। ऐसा मुझे लगता है।


  • बिना हाथ पैर के कमाए लाखों रुपये बना सकता था बहाने हाथ नहीं, पैर नहीं तो मैं भिखारी बनूँगा और बिना मेहनत किये पेट भरूंगा। लेकिन ठान लिया था की खुद को कही पहुँचाना है तो Arguments से काम नहीं चलेगा।


          तो आज जे बाद कोई भी व्यक्ति किसी भिखारी को दान या भिक नहीं देंगा। उल्टा उसको कमाने का रास्ता बताओ अगर आप बता सकते हो तो। लेकिन उसको भीख दे कर कमजोर मत बनाओ। अगर वो आपकी वजह से अपने पैरों पर खड़ा होना सिख गया न तो Life time आपका वह एहसानमंद रहेगा। इतना मुझे 100% विश्वास है। इस विषय पर आप जरूर विचार करे और योग्य निर्णय ले और आप करंगे ऐसा में दावे के साथ कह सकता हूँ। इसी नई उमीद के साथ आपको इसी वाक्य में पूर्णविराम लगाता हूँ। Thank You Very Much.

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