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Friday, January 20, 2017

कैसे Jaguar और Land-rover को ख़रीदा रतन टाटा ने


          नमश्कार दोस्तों मैं हूँ Shubham आप सभी का स्वागत करता हु इस blog पर। हमारे भारतीय उद्योग जगत में एक ऐसे Entrepreneur है। जो की कड़े मेहनती, दौलतवान और दानशुर भी है। 
          Tata नमक से Tata Software और Tata Motors तक निर्माण करने वाली कंपनी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी विश्व में प्रख्यात है और जानी जाती है। और उसकी कामियाबी का श्रेय काफी हद तक रतन टाटा को जाता है।
          20 सालो से अधिक Tata कंपनी के Chairman श्रीमान Ratan Tata  भारतीय उद्योक जगत में बहुत सन्मानितपूर्व जाने जाते है। रतन टाटा एक पारसी परिवार से Belong करते है। उनका परिवार एक ब्रिटिशकालीन भारत से ही सफल परिवार रहा है। रतन टाटा ने U.S.A. की  Cornell University से वास्तुकला में डिग्री हासिल कियी। और U.S.A. के Haward Business School से प्रशिक्षण ले चुके है।


         1963 में रतन टाटा अपनी Family Business में शामिल हुए। 1990 तक उन्होंने टाटा कंपनी के अन्य पदों पर काम किया 1991 में रतन टाटा को टाटा ग्रूप का Chairman बना दिया गया। 1998 में उन्होंने Passenger Cars में हाथ आज़माने की सोची। काफी मेहनत और Planing के बाद उन्होंने Tata Indica Launch कियी। कंपनी ने उस समय उस कार में काफी मेहनत कियी थी। लेकिन हैरानी की बात यह थी की उस बावजूद भी लोगो ने उस कार को नापसंद किया। Experts ने उस कार में काफी Defects बताये। इस वजह से 1999 तक Tata Motors को काफी नुकसान झेलना पड़ा। Tata Motors अपने अस्तित्व की लढाई लढ रहा था। लेकिन आखिर में रतन टाटा ने Tata Motors को बेचना का निर्णय लिया। और उसी सिलसिले में वह निकल पड़े U.S.A. Ford कंपनी के मालिक Bill Ford से Deal करने। Ford उस समय दुनिया भर में Passengers Cars के Market पर बड़ी बिना किसी Problems के राज कर रही थी। रतन टाटा Ford कंपनी की Meeting में 3 घण्टों तक बैठे। उस समय Ford के मालिक Bill Ford ने उन्हें काफी अपमानित किया और मजाक उड़ाया। उन्होंने रतन टाटा को कहा की.... अगर आपको इस Business में कुछ आता ही नहीं तो आप इस Business में आये ही क्यों..? हम तुम पर बड़ा एहसान कर रहे है ये कंपनी खरीदकर। तब रतन टाटा उस मिटिंग को छोड़कर बिना Deal किये India वापिस लौट आये। अब रतन टाटा ने अपने अपमान का बदला अपने काबिलियत के दम पर लेने की ठान ली। अपनी मेहनत को बढ़ा कर उन्होंने नयी कार Indica V2  Launch कियी ये कार पिछले कार से काफी गुना ज्यादा Better थी। जिससे Tata Motors का Profit Ratio कई हद तक और कई गुना ज्यादा बढ़ गया। 2004 में आते आते Tata Motors ने World Wide Passengers Car में अपनी जगह मजबूत बना लियी। वही दूसरी तरफ Ford की कार Flop हो कर Lose में जा रही थी। Land Rover और Jaguar कंपनी बहुत ज्यादा Lose में चली गयी।


          2008 में Bill Ford ने Land-rover और Jaguar को बेचने का निर्णय ले लिया। तब रतन टाटा ने उनको Phone करके कहा की मै Land rover और Jaguar को खरीदने को तैयार हु। तब Ford कंपनी के मालिक ने उन्हें कहा की आप बहुत बड़ा एहसान कर रहे है हम पर, हमसे Land rover और Jaguar खरीद कर। इस Deal को करने के बाद रतन टाटा और टाटा ग्रुप ने Land rover और Jaguar कंपनी को उस उचाईयो पर ले गये जिस ऊचाई पर Ford नहीं ले जा पाई थी।
          रतन टाटा और टाटा ग्रुप हर साल अपनी Annual Income में से 66% Charity को Donate कर देते है। दोस्तों देखिये टाटा ग्रुप का 2015 में 108 Billion Doller का Revenue था, जिसका 66% हर साल की तरह उन्होंने Charity में दान कर दिया। रतन टाटा अगर Donation देना बंद करदे तो दुनिया की कोई भी ताकद उनको दुनिया का सबसे आमिर इंसान बननेसे नहीं रोख सकती।
         दुनिया की सबसे सस्ती कार Tata Nano और Land-rover, Jaguar जैसे Expensive Cars कंपनी के मालिक रतन टाटा ने कहा है की, सत्ता और पैसा ये दोनों सिद्धांत मेरे में नहीं है। आगे बढ़ने के लिए उतार चढाव काफी जरुरी है।
     और आखिर में Do Subscribe And Share.... धन्यवाद।

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